🌱 आलू की खेती🌱

( 1) खेत की तैयारी-

पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करके तीन से चार जुदाईयां हेरो कल्टीवेटर से करके पाटा लगा कर खेत को भुरभुरा खरपतवार रहे तैयार कर लेनी चाहिए इसी समय गोबर की अच्छी सड़ी हुई खाद मिला देनी चाहिए दिमाग को तुरा कुरमुरा के नियंत्रण के लिए लिन्डेन डास्ट(1.3%)25 किग्रा प्रतिक्रिया की दर से भूमि मिला दे!

(2) उन्नत किस्में-

अगेती (80 से 90 दिन) – कुफरी सूर्या कुफरी अशोका कुफरी बहार (ई 3797) कुफरी पुखराज कुफरी जवाहर कुफरी ज्योति आदि!

मध्य कालिक-

100 से 110 दिन कुफरी आनंद कुफरी बादशाह को फ्री चिप्स होना 123 कुफरी सीट मान आदि!

पछेती-

110 120 दिन कुफरी सिंदूरी कुफरी सतलुज कुफरी सतलुज कुफरी लालिमा आदि!

( 3)बीज का चुनाव-

2.5 से 3 सेंटीमीटर आकार (ब्यास) वाले आलू जिनका भार 25 से 30 ग्राम हो बोनी के लिए अच्छे होते हैं आलू का बीज रोगमुक्त व शुद्ध जात का होना चाहिए!

(4)बीजोपचार-

शीत गृह से आलू का बीज निकलने के बाद 8 से 10 दिन तक ठंडे स्थान में छाया में फैला देना चाहिए अमित अगेती फसल के लिए सदैव कंदमूल पछेती के लिए आलू काटकर बोया जा सकता है टुकड़ों को काटने के 12 घंटा बाद 24 घंटे से पूर्व बॉय होने से पूर्व 0.25% ब्रिटानिया टेप आसाम के घोल में कम से कम 5 मिनट तक अवश्य दूध लेना चाहिए सुषुप्तावस्था को तोड़ने के लिए 1% थायो यूरिया के घोल में 1 घंटे तक उपचारित करते हैं!

(5)बुवाई का समय-

अगेती फसल 25 दिसंबर से 10 अक्टूबर तक मुख्य फसल 15 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक पछेती बुवाई नवंबर तक चलती रहती है!

(6)बीज दर तथा बोने की दूरी-

20 से 25 क्विंटल(2.5-3 सेमी व्यास आकार वाले) समूचे कंधों की प्रति हेक्टेयर आवश्यकता होती है काटकर बोलने पर 12 से 15 क्विंटल बीज पर्याप्त होता है 45-60 सेमी ×20-25 सेमीओ फसल अंतरण!

(7)बुवाई की विधि-

समतल भूमि में आलू बोना मेल हो पर आलू बोना बोने के बाद मिट्टी चढ़ाना पोटैटो प्लांट से बुआई करना!

(8)खाद उर्वरक-

300 कुंतल प्रति हेक्टेयर गोबर की खाद तथा 180 – 80 – 80 किग्रा N , P , K हेक्टेयर लगाएं फास्फोरस तथा पोटाश की पूर्ण मात्रा तथा नाइट्रोजन की 2/3 मात्रा बुवाई के समय लगाएं शेष1/3 नाइट्रोजन बोने की 30 से 25 दिन बाद मिट्टी चढ़ाते समय दें!

(9)सिंचाई-

पहली सिंचाई आलू जमने के तुरंत बाद की जाती है इसके बाद 10 से 15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करते रहें सिंचाई हल्की करें अर्थात मेड़ों पर आधे से ऊपर पानी ना भरे 8 – 10 सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है!

(10)खरपतवार नियंत्रण एवं मिट्टी चढ़ाना-

पहली सिंचाई के बाद खुरपी द्वारा निकाय गुड़ाई करें मिट्टी चढ़ाते समय भी खरपतवार नष्ट हो जाते हैं खरपतवारनाशी रसायन लालू 4 से 5 लीटर प्रति हेक्टेयर बुवाई के 2 से 3 दिन बाद प्रयोग कर सकते हैं
आलू में मिट्टी चढ़ाना एक आवश्यक क्रिया है मिट्टी चढ़ाने का कार्रवाई के 30 से 35 दिन बात करते हैं नाइट्रोजन की टॉप ड्रेसिंग करने के बाद मिट्टी चढ़ाएं पहली बार मिट्टी चढ़ाने के 15 से 20 दिन बाद दोबारा मिट्टी चढ़ानी चाहिए!

(11)रोग नियंत्रण-

अगेती पछेती झुलसा के नियंत्रण के लिए डायथेन एम-45 2 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से 2 से 3 छिड़काव करें मोजैक रोग के नियंत्रण हेतु 1 लीटर मेटासिस्टाक्स, 25 ईoसीo 1000 ली्‍टर पानी मे मिलाकर छिड़काव करे आलू की काली रूसी, सुख कंद बिगलन के के लिए बीज उपचार करें!

(12)कीट नियंत्रण-

माहू के नियंत्रण के लिए मेटासिस्टाक्स 1 लीटर पानी पर थिएटर का प्रयोग करें कुतरना चाइना कीट के नियंत्रण के लिए सेविंग धूल 30 ग्राम प्रति हेक्टेयर बुरकाने से कीड़े मर जाते हैं पोटैटो ट्यूबर मोथ सफेद ग्रब (कुरमुला) के नियंत्रण के लिए इंडोसल्फान 1.25 लीटर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें!

(13)खुदाई एवं उपज-

अगेती – नवंबर स- दिसंबर
मुख्य फसल फरवरी-मार्च
पछेती बीज वाली अप्रैल
अगेती तथा मध्य कालिक फसल-175-200 कुंतल प्रति हेक्टेयर
पछेती-300-400 कुंतल प्रति हेक्टेयर!


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