बागवानी में हारमोन्स (पादप नियंत्रकों) का बहुत महत्व है। फल वृक्षों में कई बार विकास की वृद्धि दर रुकने, फल व फूल झड़ने एवं वृद्धि कम होने की समस्या आ जाती है। ऐसी स्थिति में कृत्रिम हारमोन्स का उपयोग लाभकारी सिद्ध होता है। पादप नियंत्रक पोषक तत्व नहीं होकर कार्बनिक रसायन होते हैं जिनकी थोड़ी-सी मात्रा ही पौधों की क्रियात्मक वृद्धि के लिए जिम्मेदार होती है।

हारमोन्स का उपयोग जड़ों को विकसित करने, कलिकाओं की निष्क्रियता समाप्त करने, वृद्धि जनक, वृद्धि अवरोधक,पुष्पपांकन का नियमितिकरण एवं नियंत्रण, बीज रहित फल प्राप्त करने, फूलों एवं फलों को झड़ने से रोकने नर मादा अनुपात नियंत्रण करने, फलों को पकाने आदि में सहायक होता है।

बागवानी में हारमोन्स (पादप नियंत्रको) का उपयोग

01. आम में मालफॉरमेशन की समस्या को रोकने के लिए नेप्थलीन एसिटिक एसिड (एन.ए.ए.) को 200 मिलीग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने से इस समस्या की रोकथाम की जा सकती है।

02. नींबू वर्गीय वृक्षों में फल गिरने की समस्या रहती है। इसे रोकने के लिए 2-4डी 10 मिलीग्राम प्रति लीटर पानी (या 1 ग्राम दवा 100 लीटर पानी) में घोलकर छिड़काव करना चाहिए। नागपुरी संतरे में परिपक्व फलों को गिरने से बचाने के लिए प्रति लीटर पानी में 200 मिलीग्राम नेप्थलीन एसिटिक एसिड का छिड़काव करें।

03. अमरूद के वृक्ष पर लगे फूलों पर नेप्थलीन एसिटिक एसिड के 600 पीपीएम. (600 मिलीग्राम 1 लीटर पानी में) सान्द्रता वाले घोल का छिड़काव प्रभावी होता है।

04. अंगूर के फलों का आकार बढ़ाने के लिए जिब्रेलिक एसिड से आरम्भ में ही गुच्छों का उपचार जरूरी होता है। पूसा सीडलेस किस्म की मंजरियों के 80% फूलों के खिलने पर जिब्रेलिक एसिड 45 मिलीग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने से उपज में वृद्धि होती है।

05. फालसा की झाड़ी में प्रायः कम फल मिलते हैं। परन्तु जिब्रेलिक एसिड की 60 मिलीग्राम मात्रा 1 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने से फलों का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।

06. बेर की गोला किस्म में जिब्रेलिक एसिडकैसेट के 30 मिलीग्राम प्रति लीटर पानी के घोल का छिड़काव करने से फल गिरने की समस्या कम होती है।

07. फलदार पौधों को पकाने के लिए इथेफोन 500 पीपीएम. 500 मिलीग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।

08. पौधों की कटिंग में जड़ों के विकास के लिए 500 मिलीग्राम आई.बी.एम. हार्मोन का उपयोग करें।

09. कुष्मांड कुल की सब्जियों में मादा फूलों की संख्या बढ़ाने के लिए जिब्रेलिक एसिड 10 मिलीग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

10. मेलिक हाइड्रेजाइड का उपयोग 2000 पीएम. (2 ग्राम प्रति लीटर पानी में) भण्डारण में प्याज के अंकुरण को रोकने के लिए किया जाता है। इस दवा का उपयोग प्याज की खुदाई के 1 माह पूर्व प्रयोग करें।

11. खजूर के फलों पर डोका अवस्था में 1 ग्राम ईथ्रल एक लीटर पानी के घोल का छिड़काव करने से फलों के आकार व वजन में सुधार होता है।

हारमोन्स (पादप नियंत्रकों) के उपयोग में सावधानियां

01. पादप नियन्त्रकों का उपयोग पूर्ण जानकारी व अनुभव के आधार पर सावधानी से किया जाये अन्यथा असावधानी के कारण तथा निर्धारित मात्रा से अधिक उपयोग करने पर नुकसानदायक भी हो सकता है अतः इसका उपयोग एवं सान्द्रता का घोल विशेषज्ञों की देखरेख में ही किया जाये।

02. सीधे जल में हारमोन की घुलनशीलता कम होती है अतः इसका घोल परिशुद्ध जल या सोडियम हाइड्रोक्साइड विलियन की अल्प मात्रा में घोलने के बाद जल में मिलाना चाहिए।

03. छिड़काव दोपहर में न करके सुबह या सांय काल में ही किया जाना चाहिए।

04. कलमों से जड़ों के शीघ्र विकास के लिए आई.बी एम. या आई.ए.ए. रसायन को साधारण पाउडर के साथ मिलाकर सूखी अवस्था में ही कलमों के निचले भाग को उपचारित कर लगाया जाए।


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