जिले के बीजवाड बालेटा गांव के दो युवाओं ने बेरोजगारी से हिम्मत नहीं हारी आज दोनों युवा घर बैठे मशरूम की खेती कर प्रतिमाह करीब 4.80 लाख रू कमा रहे हैं। बीजवाड़ के हजारी सैना मैं बीए के बाद सरकारी नौकरी का सपना संजोया था। नौकरी नहीं मिली तो पिता के साथ खेती शुरू कर दी साथ ही स्टांप वैंडर का काम किया डेढ़ साल वह पहले हिमाचल घूमने गया। वहां एक व्यक्ति को ठेले पर 150 ग्राम मशरूम का पैकेट ₹60 में बेचते देखकर उसने मशरूम की खेती करने का विचार बनाया हिमाचल से लौटकर उसने अलवर व उदयपुर के उद्यान विभाग से मशरूम की खेती करने की जानकारी ली फिर हिमाचल के चंबाघाट जाकर मशरूम की खेती का प्रशिक्षण लिया। इसके बाद गांव लौट कर घर के एक कमरे में मशरूम की खेती शुरू कर दी। इसमें उसे अच्छा लाभ। मिला 8 महीने पहले पार्टनर बालेटा निवासी शंकर लाल मीणा के घर में मशरूम का प्लांटेशन लगाया। अब दोनों पार्टनर घर बैठे प्रतिदिन एक कुंटल मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं। इसकी बाजार में कीमत करीब ₹30000 है। उसने बताया कि प्रतिमाह 30 से 32 कुंटल मशरूम की पैदावार पर लगभग 4.20 लाख रुपए खर्चा आता है। सभी खर्चा काटने के बाद उन्हें प्रतिमाह लगभग 4.80 लाख रुपए की शुद्ध बचत हो जाती है हजारी अब तक 4  तरह के मशरूम लगा चुके हैं। इसमें बटन मशरूम ढींगरी मिल्की वे दो छत्ता मशरूम शामिल है। उसने फिलहाल घर में ही 2000 प्लास्टिक बैग में मशरूम लगाए हुए हैं। 


2 Comments

Rajveer bhati · March 20, 2018 at 3:34 pm

Thanks

Badam singh · April 29, 2018 at 2:18 pm

Masrom ki kheti ke bare me vistar se jankari de

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