गन्ने की खेती पर विवरण

 भूमि – गन्ना एक प्रकार का नकदी फसल है जिसे हम उगाते हैं भूमि को एक बार मिट्टी पलट हल से जोत कर दो तीन से चार बार हाय रोया कल्टीवेटर हल से खेत को तैयार कर लिया जाता है!

गन्ने की बुवाई फरवरी के अंत तक करते हैं और गन्ने की बुवाई प्रति एकड़ 5×500 =2500kg प्रति बीज जी लगता है!

सिंचाई– गन्ने को मुख्य रूप से हम तीन बार सिंचाई करते हैं जब गन्ना 7 दिन का होता है तब पहली सिंचाई फिल्म दूसरी सिंचाई जगवंदन 90 दिन का हो जाता है तब करते हैं इसके बाद तीसरी सिंचाई गुड़ाई के अंत में करते हैं!

गुड़ाई– मुख्य रूप से गुड़ाई बी 3 करते हैं हम लोग पहले बुराई जब हमको रहो फिर जब दूसरी गुड़ाई 30 दिन का हो जाए इसके बाद तीसरी गुड़ाई पानी के अनुसार देते हैं!

रोग नियंत्रण– रोकथाम के लिए हम गन्ने में कोराजन नामक दवा का प्रयोग करते हैं जोकि 1800 रुपए का 1 एकड़ के लिए पर्याप्त होता है!

खरपतवार नियंत्रण- खरपतवार नियंत्रण के लिए हम गन्ने में 240 या फिर सोडियम साल्ट नमक दवा का उपयोग करते हैं!

उर्वरक– गन्ने को बोते समय हम डीएपी ज्वाइन सल्फाइड रिजल्ट आज नामक उर्वरक का उपयोग करते हैं पर क्षेत्र के लिए!

डीएपी ( एक बोरा) 50kg…
जाइम (बोते समय) 10 kg
सल्फर (बोते समय) 5 kg

उपज- गन्ना प्रत्येक ड़ 40 टन होता है!

व्यय विवरण कार्य

जुताई प्रति हेक्टेयर हैरो – 5×300=1500 ×4500रु

मिट्टी पलट वाले हल से
1×500=2500रु

गन्ना का बीज

5 ×500=2500kg =7500रु

मजदूरों – 3 घण्टा ×500=1500रु

सिचाई – 3×1500

=4500रु

गुडाई- 3×2000=6000रु

रोग नियंत्रण – 1800रु

खरपतवार – 350रु

(टोटल व्यय) =28650रु

उत्पादन गन्ना – 40 कुन्तल प्रति एकड़

40000×3=120,000रु

किसान का कुल व्यय लागत कुल हेक्टर 28650रु

120000रु -28650रु (91350रु )

फ़रवरी से दिसम्बर तक का इतना मुनाफा  91350रु इतना लाभ हुआ.

 


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