मृदा स्वास्थ्य कार्ड क्या है?
खेत की मिट्टी में पौधों की समुचित वृद्धि एवं विकास हेतु आवश्यक पोषक तत्वों की उपलब्ध मात्राओं का रासायनिक परीक्षणों द्वारा आंकलन करना, साथ ही विभिन्न मृदा विकार, जैसे- मृदा की लवणीयता, क्षारीयता एवं अम्लीयता आदि की जांच करना मृदा परीक्षण कहलाता है।
मृदा परीक्षण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ से राष्ट्रीय मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एनएसएचसी) योजना की शुरुआत की।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना क्यों आवश्यक है-
कुछ राज्यों में किसानों को उनकी मिट्टी के बारे में रिपोर्ट पहले से दी जा रही थी, जो कि शिक्षित किसान ही प्राप्त करते थे, अशिक्षित किसानों को इस बारे में जानकारी नहीं थी, उन्हें यह पता नहीं होता था कि इसके लिए क्या दृष्टिकोण होना चाहिए और क्या करना चाहिए। इसलिए सरकार ने सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम लॉन्च किया। इस योजना के द्वारा किसानों को मिट्टी की प्रकृति की जानकारी के साथ कितनी मात्रा में खाद एवं उर्वरक की प्रयोग करें, यह भी जानकारी प्रदान की जाती है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के लाभ
मृदा स्वास्थ्य कार्ड (सोइल हेल्थ कार्ड) योजना के लाभ इस प्रकार हैं-
01. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत किसानों की मिट्टी की पूरी तरह से जाँच की जाएगी और उन्हें इसकी रिपोर्ट दी जाएगी। जिससे किसान यह निश्चय कर सकेंगे कि किस फ़सल को विकसित करना चाहिए और किसे छोड़ देना चाहिए।
02. अथॉरिटी नियमित आधार पर मिट्टी की जाँच करेगी। जैसे लवणीयता क्षारीयता और अम्लीयता की पूरी जाँच होगी। हर 3 वर्ष में किसानों को इसकी एक रिपोर्ट दी जाएगी। यदि किसी कारणवश मिट्टी में बदलाव होते हैं तो किसान को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। हमेशा उनकी मिट्टी के बारे में डेटा को अपडेट किया जायेगा।
03. सरकार का यह कार्य बिना रुके मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए उपायों की सूची बनाता रहेगा। यहाँ तक कि विशेषज्ञ किसानों को सुधारात्मक उपाय देने में सहायता भी करेंगे।
04. नियमित रूप से मिट्टी की जाँच होने से किसानों को लम्बे समय तक मिट्टी को स्वस्थ रखने का रिकॉर्ड पाने में मदद मिलेगी। इसके अनुसार वे इसका अध्ययन कर अलग मिट्टी के मैनेजमेंट के तरीकों के परिणामों का मुल्यांकन कर सकेंगे।
05. यह कार्ड बहुत ही मददगार और प्रभावशाली है।
06. मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को उनकी मिट्टी में होने वाली कमी भी बतायेगा, जिससे वे यह समझ सकेंगे कि किस फ़सल का निवेश करना चाहिए, और वे यह भी बतायेंगे कि मिट्टी को किस खाद की जरुरत है जिससे अंत में फ़सल की उपज की वृद्धि हो सके।
07. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का मुख्य उद्देश्य पर्टिकुलर मिट्टी के प्रकार को खोजना है और विशेषज्ञों द्वारा इसमें जो सुधार की आवश्यकता है उसे उपलब्ध कराना है। साथ ही उसमे यदि कुछ कमी है तो उसकी पूर्ति करना है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना कैसे कार्य करती है?
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का कार्य इस प्रकार है-
सबसे पहले औथौरिटी विभिन्न मिट्टी के सैंपल को इकठ्ठा करेगी। इसके बाद वे इसे लैब में परिक्षण के लिए भेजेगी, और लैब के अंदर विशेषज्ञ इसकी जाँच करेंगे।
जाँच के बाद, विशेषज्ञ जाँच के परिणाम का विशलेषण करेंगे। इसके बाद वे विभिन्न मिट्टी के नमूने (सैंपल) की ताकत और कमजोरी की सूची बनायेंगे यदि मिट्टी में कुछ कमी है तो उसके सुधार के लिए सुझाव देंगे और उसकी एक सूची बनायेंगे.
इसके बाद सरकार किसानों के लिए सोइल कार्ड में फोर्मेटेड तरीके से पूरी जानकारी डाल देगी। यह जानकारी ऐसे तरीके से दी जाएगी जिससे किसान इसे अच्छी तरह एवं सरलता से समझ सकें।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना में शामिल कुछ तथ्य
सोइल हेल्थ कार्ड योजना में मिट्टी के नमूने का निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण करने के बाद सोइल हेल्थ कार्ड में रिपोर्ट तैयार की जाएगी जिससे जिसमें निम्न जानकारी होंगी-
01. मिट्टी का स्वास्थ्य
02. मिट्टी की कार्यात्मक विशेषताएं।
03. मिट्टी में पानी और विभिन्न पोषक तत्वों की उपस्थिति
04. यदि मिट्टी में अतिरिक्त गुण पाए जाते हैं, तो कार्ड में उनकी अलग सूची दी जाएगी।
05. कुछ सुधारात्मक उपाय, जिससे किसान अपनी मिट्टी की खामियों को सुधारने के लिए उपयोग कर सकेगा।
* किसान भाइयों, इस वेब www.soilhealth.dac.gov.in के माध्यम से मृदा नमूनों के पंजीकरण, मृदा नमूनों के परीक्षण परिणामों को दर्ज करने और उर्वरक सिफारिशों के साथ मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) को बना सकते हैं।